*फूंक मारकर हम "दिये" को* *बुझा सकते है।* *पर "अगरबत्ती" को नहीं,* *क्योंकि जो "महकता' है उसे कौन *बुझा सकता है...* *और जो "जलता" है वह खुद बुझ* *जाता है।* #_मानव😊