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पड़ी जो नज़र तेरी क़दमों की आहट से...। फूल भी शर्म

पड़ी जो नज़र तेरी क़दमों की आहट से...।
फूल भी शर्मसार हो जाते थे तेरे बदनो की महक से..।।


चांद भी खुद को फीका महसूस करता था...
तेरी नज़रों की चमक से...।
पाया जो तुम्हें अपनी किस्मत से...
वो तो मरकर भी धनी रहेगा तेरे इन खज़ानों से..।। #तुम्हाराप्यार
पड़ी जो नज़र तेरी क़दमों की आहट से...।
फूल भी शर्मसार हो जाते थे तेरे बदनो की महक से..।।


चांद भी खुद को फीका महसूस करता था...
तेरी नज़रों की चमक से...।
पाया जो तुम्हें अपनी किस्मत से...
वो तो मरकर भी धनी रहेगा तेरे इन खज़ानों से..।। #तुम्हाराप्यार