अभी तो देखा है प्रेम , दूसरा रूप भी देखोगे । जिंदगी के पडाव में अभी तो देखी है छाव , कभी धूप भी देखोगे ।। प्रिय प्रतिबिम्ब " दिव्य शब्द संग्रह "