जोश की गर्मी बड़ी गर्मी होती है, प्रेम की ठंडक बड़ी ठंडक होती है, घाम की बारिश बड़ी बारिश होती है, ये क्या सुन रहा हूं, मेहनत जी-तोड़ जवानी की, जवान की नाहक होती है। चार दिन की नौकरी, सेवा ऐसी भी बेशक होती है ? सरहद पे जवान महफूज, घर से न महफूज ! अग्नि-शपथ ! ©BANDHETIYA OFFICIAL #अग्निपथ