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जोश की गर्मी बड़ी गर्मी होती है, प्रेम की ठंडक बड़

जोश की गर्मी बड़ी गर्मी होती है,
प्रेम की ठंडक बड़ी ठंडक होती है,
घाम की बारिश बड़ी बारिश होती है,
ये क्या सुन रहा हूं,
मेहनत जी-तोड़ जवानी की,
जवान की नाहक होती है।
चार दिन की नौकरी,
सेवा ऐसी भी बेशक होती है ?
सरहद पे जवान महफूज,
घर से न महफूज !
अग्नि-शपथ !

©BANDHETIYA OFFICIAL #अग्निपथ
जोश की गर्मी बड़ी गर्मी होती है,
प्रेम की ठंडक बड़ी ठंडक होती है,
घाम की बारिश बड़ी बारिश होती है,
ये क्या सुन रहा हूं,
मेहनत जी-तोड़ जवानी की,
जवान की नाहक होती है।
चार दिन की नौकरी,
सेवा ऐसी भी बेशक होती है ?
सरहद पे जवान महफूज,
घर से न महफूज !
अग्नि-शपथ !

©BANDHETIYA OFFICIAL #अग्निपथ