आग है जल जाते हैं फिर भी मचल जाते हैं आंखें है फिर भी आपस में लड़ जाती है फिर ये रोतीं हैं मन है सोचता है पर फिर भी मजबूर हो जाते हैं प्रेम है कहीं भी किसी से भी कभी भी हो सकता है क्या करें मजबूर हैं हम ? ©Himanshoo Khosla #zindgi #pyar #dosti #Teravaada #Dard #Shayari #BookLife Udass Afzal khan ❣️Dard ki jaan पुष्प"