लबों की खामोशी में इक़रार रखना पूरा ना सही तो अधूरा प्यार रखना मन न हो तो अजनबी सा मिलना नशा हो जाए तो जाँ-ए-जाँ बनना न कोई भी शर्त जुदाई की रखना जो पसंद हो वही दरमियाँ रखना शर्म हो तो हाथ में हाथ बस रखना बेइंतहा इश्क़ हो तो कसके बाहों में भरना हाँ,हमको थोड़ा ही तुम सताना अपने लिए सारी ख़ुशी तुम रखना हम रख लेंगें बादल की गर्जना तुम अपने हिस्से ठंडी फुहार रखना हो तुम मेरी जान बस इतना ध्यान रखना चाहे हमें तो कभी कभी ही याद करना बस मेरा तुमसे है कहना यही कहना अपने पास हमेशा हंसी का संसार रखना। ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1015 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।