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जनहित की रामायण - 57 पत्रकार कर्नाटक में छात्रा क

जनहित की रामायण - 57

पत्रकार कर्नाटक में छात्रा के चेहरे से हिजाब खेंच रहा,
नेता देश के कोहिनूरीय संस्थान बेच रहा ।
आम आदमी के कटोरे में 5 किलो अनाज फ़ेंक रहा,
बैक हज़ारों करोड़ के धोखेबाजों को झेल रहा ।।

बलिदानियों ने रस्सी चूमी थी, अब किसान चूम रहा,
लाख दो लाख के कर्ज़ पे भी बैंक बर्तन भी बटोर रहा ।
फिरंगियों को व्यापार की दे दी गयी खुली छूट,
हाथियों से प्रतिस्पर्धा में देश का व्यापारी पिछड़ रहा ।।

कोरोना में आमजन मास्क नहीं लगाने पर दंड भर रहा,
चुनावी रैलियों में भीड़ का हुजूम बग़ैर मास्क उमड़ रहा ।
बैंक में जमा राशि पर 5 लाख तक सीमित सुरक्षितता,
आपसी लेन-देन पे 200% जुर्माने के डर सर पर रहा ।।

रोजी-रोटी लापता, श्रम कानूनों का दम निकल रहा,
पढ़ा लिखा पीठ पे बोझा ढ़ो, घर घर भटक रहा ।
बढ़े औद्यौगिक घरानों व नेताओं ने हड़पी सारी समृद्धि,
आम,शिक्षा चिकित्सा सुरक्षा हर दर पे सर पटक रहा ।।

बुद्धिजीवी, समाजसेवी जुबान खोलने से डर रहा,
पत्रकार बाजारू आचरण का आचमन कर रहा ।
कवि सोमरस, ठिठोली, थैली का ध्यान कर लिख रहा,
ये दर भी जन के मार्गदर्शन में विफल रहा ।। 
हे राम...

- आवेश हिंदुस्तानी 17.02.2022

©Ashok Mangal #AaveshVaani #JanhitKiRamayan #JanMannKiBaat #Chunaav #election
जनहित की रामायण - 57

पत्रकार कर्नाटक में छात्रा के चेहरे से हिजाब खेंच रहा,
नेता देश के कोहिनूरीय संस्थान बेच रहा ।
आम आदमी के कटोरे में 5 किलो अनाज फ़ेंक रहा,
बैक हज़ारों करोड़ के धोखेबाजों को झेल रहा ।।

बलिदानियों ने रस्सी चूमी थी, अब किसान चूम रहा,
लाख दो लाख के कर्ज़ पे भी बैंक बर्तन भी बटोर रहा ।
फिरंगियों को व्यापार की दे दी गयी खुली छूट,
हाथियों से प्रतिस्पर्धा में देश का व्यापारी पिछड़ रहा ।।

कोरोना में आमजन मास्क नहीं लगाने पर दंड भर रहा,
चुनावी रैलियों में भीड़ का हुजूम बग़ैर मास्क उमड़ रहा ।
बैंक में जमा राशि पर 5 लाख तक सीमित सुरक्षितता,
आपसी लेन-देन पे 200% जुर्माने के डर सर पर रहा ।।

रोजी-रोटी लापता, श्रम कानूनों का दम निकल रहा,
पढ़ा लिखा पीठ पे बोझा ढ़ो, घर घर भटक रहा ।
बढ़े औद्यौगिक घरानों व नेताओं ने हड़पी सारी समृद्धि,
आम,शिक्षा चिकित्सा सुरक्षा हर दर पे सर पटक रहा ।।

बुद्धिजीवी, समाजसेवी जुबान खोलने से डर रहा,
पत्रकार बाजारू आचरण का आचमन कर रहा ।
कवि सोमरस, ठिठोली, थैली का ध्यान कर लिख रहा,
ये दर भी जन के मार्गदर्शन में विफल रहा ।। 
हे राम...

- आवेश हिंदुस्तानी 17.02.2022

©Ashok Mangal #AaveshVaani #JanhitKiRamayan #JanMannKiBaat #Chunaav #election
ashokmangal4769

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