बाते कागजी लगती क्यों हैं अब सब सुनसान स क्यों लगता हैं।। बंजर न बनजाए ये ज़िन्दगी इसलिये अब दुखी हो कर भी मुस्कुराना पढ़ता हैं।। ©j_aakash #choclatefactory