Dil दिल में कुछ और है जुबां पर कुछ और है, हर कोई अपना है पर हकीक़त कुछ और है, सच अक्सर खामोश यहाँ झूठ का बड़ा शौर है, जऱा सम्भल कर रहना आजकल दिखावे का दौर है। ©Srashti Tyagi #Dikhawatiduniya