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*वतन या बदन???* मोहब्बत को मोहब्बत से करना दिल में

*वतन या बदन???*
मोहब्बत को मोहब्बत से करना
दिल में किसी के दिल से रहना
मेहबूब हो या मेहबूबा हो जो हो
दिल का मसीहा एक ही चुनना ।
❤️ Happy valentine ❤️

धोखे से जिनको मौत मिली थी
उनका भी आज दिन है ।
पुलवामा में धोखे की गोली चली थी 
14, फरवरी वो काला दिन है ।

किसी का सुहाग उजड़ा
किसी के सिर से साया ‌। 
किसी बूढ़े की लाठी टूटी
किसी माँ पर कहरआया

बोलो इनकी सिसकियाँ
क्या मुस्कान बनेंगी ??
जो जिंदगियाँ मौत बन गई
उनकी साँसें लौटेंगी??

गर ज़बाब नहीं है कोई तो
वैलेंटाइनडे फिर कैसा??
भारत माँ के चहेते लाल न रहे
तो भारत में जश्न कैसा?

खुशी और गम साथ में हों तब
तबज्जो गम को देना चाहिए ।
किसी की आँख से आँसू निकले
तब ना खुशी मनाना चाहिए ।

रोती आँखों के आँसू पोंछना
यही तो मानव धर्म है।
उजड़े जीवन को ढांढस देना
मानवता का मर्म है ।

गर हो मानव तो वैलेंटाइन डे
मनाना किसलिए??
जब देश के बेटे शहीद हुए
तो जश्न मनाना किसलिए?

माँ की आँख में आँसू हैं तो
बेटे खुश हों किसलिए??
मातम तो सगरे देश में होगा 
चालीस साँसे थमी थीं इसलिए।
चालीस साँसे थमी थीं इसलिए ।
जय हिन्द जय भारत वंदेमातरम 
*वैलेंटाइन डे नहीं* 
*शहादत का शोक मनाइये ।*
*बदन से मोहब्बत क्या करना???*
*कुछ वतन के काम भी आइये।*
*कुछ वतन के काम भी आइये*
लेखिका/कवयित्री-प्रतिभा द्विवेदी मुस्कान ©
सागर मध्यप्रदेश भारत। ( 13 फरवरी 2023 )

©Pratibha Dwivedi urf muskan #पुलवामा #वैलेंटाइन #शहादत #मोहब्बत #प्रतिभा #प्रतिभाउवाच #प्रतिभाद्विवेदीउर्फमुस्कान© #प्रतिभाद्विवेदीउर्फमुस्कानकीकलमसे #स्वरचितकाव्य #नोजोटो  Anupriya Ayushi Agrawal Pooja Udeshi Vidushi Sarita Gupta Ruchi Rathore
*वतन या बदन???*
मोहब्बत को मोहब्बत से करना
दिल में किसी के दिल से रहना
मेहबूब हो या मेहबूबा हो जो हो
दिल का मसीहा एक ही चुनना ।
❤️ Happy valentine ❤️

धोखे से जिनको मौत मिली थी
उनका भी आज दिन है ।
पुलवामा में धोखे की गोली चली थी 
14, फरवरी वो काला दिन है ।

किसी का सुहाग उजड़ा
किसी के सिर से साया ‌। 
किसी बूढ़े की लाठी टूटी
किसी माँ पर कहरआया

बोलो इनकी सिसकियाँ
क्या मुस्कान बनेंगी ??
जो जिंदगियाँ मौत बन गई
उनकी साँसें लौटेंगी??

गर ज़बाब नहीं है कोई तो
वैलेंटाइनडे फिर कैसा??
भारत माँ के चहेते लाल न रहे
तो भारत में जश्न कैसा?

खुशी और गम साथ में हों तब
तबज्जो गम को देना चाहिए ।
किसी की आँख से आँसू निकले
तब ना खुशी मनाना चाहिए ।

रोती आँखों के आँसू पोंछना
यही तो मानव धर्म है।
उजड़े जीवन को ढांढस देना
मानवता का मर्म है ।

गर हो मानव तो वैलेंटाइन डे
मनाना किसलिए??
जब देश के बेटे शहीद हुए
तो जश्न मनाना किसलिए?

माँ की आँख में आँसू हैं तो
बेटे खुश हों किसलिए??
मातम तो सगरे देश में होगा 
चालीस साँसे थमी थीं इसलिए।
चालीस साँसे थमी थीं इसलिए ।
जय हिन्द जय भारत वंदेमातरम 
*वैलेंटाइन डे नहीं* 
*शहादत का शोक मनाइये ।*
*बदन से मोहब्बत क्या करना???*
*कुछ वतन के काम भी आइये।*
*कुछ वतन के काम भी आइये*
लेखिका/कवयित्री-प्रतिभा द्विवेदी मुस्कान ©
सागर मध्यप्रदेश भारत। ( 13 फरवरी 2023 )

©Pratibha Dwivedi urf muskan #पुलवामा #वैलेंटाइन #शहादत #मोहब्बत #प्रतिभा #प्रतिभाउवाच #प्रतिभाद्विवेदीउर्फमुस्कान© #प्रतिभाद्विवेदीउर्फमुस्कानकीकलमसे #स्वरचितकाव्य #नोजोटो  Anupriya Ayushi Agrawal Pooja Udeshi Vidushi Sarita Gupta Ruchi Rathore