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फुर्सत जो मिले तो मुझे पढ़ना जरूर कभी बड़े लहजे से

फुर्सत जो मिले तो मुझे पढ़ना जरूर कभी बड़े लहजे से मेरी तारीफ लिखा करते थे.... 
 अब वह कमबख्त बेवफा निकली 
तो इसमें मेरा क्या कसूर 
सुना है बड़े शायर हो गए हो, हो गए हो बड़े  मशहूर...  पुराने बीते लम्हों को भी कभी याद कर लिया करो... 
उनके बगैर तालियां भी झूठी तारीफें भी झूठे 
झूठा है गुरूर
 कभी जो फुर्सत मिले तो मुझे पढ़ना जरूर Mujhe padhna jarur
फुर्सत जो मिले तो मुझे पढ़ना जरूर कभी बड़े लहजे से मेरी तारीफ लिखा करते थे.... 
 अब वह कमबख्त बेवफा निकली 
तो इसमें मेरा क्या कसूर 
सुना है बड़े शायर हो गए हो, हो गए हो बड़े  मशहूर...  पुराने बीते लम्हों को भी कभी याद कर लिया करो... 
उनके बगैर तालियां भी झूठी तारीफें भी झूठे 
झूठा है गुरूर
 कभी जो फुर्सत मिले तो मुझे पढ़ना जरूर Mujhe padhna jarur
nitishsingh6450

Nitish Singh

New Creator