ये जो गृह है मेरा नीला सा इकलौता सुंदर सजीला सा मेरी खुशियां जुड़ी हैं इससे सुकून भरा अकेला सा बहुत विशाल है सृष्टि सारी और ये छोटा सा अलबेला सा न जाने कब तक सह पाएगा कई चोटें अब तक झेला सा हुआ नष्ट यदि न रहा रहने लायक कहां मिलेगा और आशियाना अचला सा ।। हमारा घर यानी कि हमारा प्रिय ग्रह जो हमारा अकेला घर है पूरे ब्रह्मांड में मनुष्य के स्वार्थ के कारण खतरे में है ...काश समय रहते इसे फिर से प्रदूषण मुक्त कर पाए मानवता #nojotohindi#गृह#earth