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ज़िन्दगी जैसी भी मिली थी, ईब जल गई तो जल गई ! अब रा

ज़िन्दगी जैसी भी मिली थी,
ईब जल गई तो जल गई !
अब राख पर रोना कैसा...?
और खाक पर तमाशा कैसा...?

©V Vanya #खाक
ज़िन्दगी जैसी भी मिली थी,
ईब जल गई तो जल गई !
अब राख पर रोना कैसा...?
और खाक पर तमाशा कैसा...?

©V Vanya #खाक