मैं इस उम्मीद पर डूबा हू के तू बचा लेगी अब इससे ज्यादा मेरा इम्तेहान और क्या लेगी मैं बुझ गया तो हमेशा के लिए बुझ ही जाऊँगा कोई चिराग तो नहीं हूँ के तु फिर से जला लेगी 😔👦Manish dehriya MANISH Dehariya