Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat तुम्हारे गरम हाथ की गर्मियाश आज भी मौजूद है, मेरे हाथों की लकीरों में। जब भी क़लम थामती हूं, वो गर्मीं मेरे शब्दों की है, या तुम्हारे हाथों की हरारत की? उंगलियों में एहसासों की मेहंदी है या जज़्बातो की स्याही शाही अंदाज में बिखेरते मोती मेरी क़लम के जो मुझे ख़ुद से पहचान करवाती है। तुम्हारे गर्म हाथों की गर्मी रूह में जमी बर्फ़ को पिघला देती है। #गर्महाथ #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat तुम्हारे गरम हाथ की गर्मियाश आज भी मौजूद है,