~ बाल व्यथा ~ पैंतीस फीसदी दोषी साबित, पॉक्सो कानून में ! फिर भी कमी न आ पा रही दोषी के जुनून में !! हर घंटे यौनशोषण के तीन बच्चे होते शिकार ! सारे समाज पर कलंक है ये घिनौना अत्याचार !! परवरिश सुधार के साथ मीडिया भी हो गंभीर ! हर हाल ध्यान रहे उल्टा न पड़े कोई भी तीर !! सामाजिक बहिष्कार की भी सजा दी जाए ! इससे संभवत: कुछ अंकुश लग पाए !! महिला सुरक्षा की स्थिति भी दयनीय है ! बच्चों का शोषण असहनीय है !! समाज बंद करे संस्कार के विपरीत आचरण ! तभी संभवत: थम पाए ये दुराचरण !! - आवेश हिंदुस्तानी 21.03.2021 ©Ashok Mangal #बालक