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इस पावन मिट्टी की धरती पर क्यों वैर जमाना करता है,

इस पावन मिट्टी की धरती पर क्यों वैर जमाना करता है,
आसमा में उड़ती चिड़िया को क्यों कैद जमाना करता है।
दुखिओ की मदद करने से क्यों पीछे पैर जमाना करता है,
सच्चे लोगो की बस्ती में रहकर झूठी बातो से क्यों डरता है।
राजनीत के चक्कर में आके अपनों से अलग क्यों रहता है,
जो कल तक साथ बैठा करते थे आज दूर दूर सा रहता है।
संतो की इस पावन धरती पर रहकर चोरों से क्यों तुम डरता है,
प्यार भरी इस धरती पर बस क्यों नफरत की बाते करता है।
जो कल तक भाई भाई थे,आज मुंह घुमाए रहता है।
इस पावन सी धरती पर क्यों नफरत की बाते करता है।

                                      Shivraj Singh
                                        chakiya (Ballia) ##sanchi hai par kadwi hai##
इस पावन मिट्टी की धरती पर क्यों वैर जमाना करता है,
आसमा में उड़ती चिड़िया को क्यों कैद जमाना करता है।
दुखिओ की मदद करने से क्यों पीछे पैर जमाना करता है,
सच्चे लोगो की बस्ती में रहकर झूठी बातो से क्यों डरता है।
राजनीत के चक्कर में आके अपनों से अलग क्यों रहता है,
जो कल तक साथ बैठा करते थे आज दूर दूर सा रहता है।
संतो की इस पावन धरती पर रहकर चोरों से क्यों तुम डरता है,
प्यार भरी इस धरती पर बस क्यों नफरत की बाते करता है।
जो कल तक भाई भाई थे,आज मुंह घुमाए रहता है।
इस पावन सी धरती पर क्यों नफरत की बाते करता है।

                                      Shivraj Singh
                                        chakiya (Ballia) ##sanchi hai par kadwi hai##