खामोश हूं तुम्हें क्या दिखाई नहीं देता? दूसरों से किसी बात की अब भलाई नहीं लेता तुम तो बरस पड़े हर बार युं गुनहगार बता कर हमें , छोड़े जमाना हुआ मैं अब किसी की जुदाई नहीं लेता तुमसे इश्क किया माना नादान थे हम एक नजर क्या मिली, मैं बधाई नहीं लेता सो जाता हूं कहीं भी ख्यालों की एक चादर तान के पास मिट्टी की गोद है मैं चारपाई नहीं लेता "सुशील हरियाणवी" Sushil...bhai