मेरे अल्फ़ाज भेदभाव की दुनिया में हम फंसने लगे हैं अस्तित्व भी हम अपना अब खोने लगे हैं जाति धर्म के नाम पर समाज बांटा जा रहा है हिन्दू मुसलमान में बांट कर लोगों को काटा जा रहा है जन्म लेने के साथ ही जाति की मुहर लगा दी जाती है उस मासूम से बच्चे तक को जाति की पहचान सिखा दी जाती है ईश्वर ने सभी को एक समान रूप दिया है परन्तु समाज को काले-गोरे में हमने बांट दिया है इस ऊंच-नीच, जात-पात में हम ऐसे फंस गए हैं यही कारण है जो हम एक-दूसरे की मदद करना भी भूल गए हैं विश्व को दिखाने के लिए हमने, अपने को सक्षम बना लिया है परन्तु वास्तविकता में हमारी कुरीतियों ने हमको खोखला कर दिया है अगर ऐसे ही हम धर्म-जाति में फसने लगेंगे तो वो दिन दूर नहीं जब हम अपने स्वाभिमान को भी खोने लगेंगे ये कर्त्तव्य हमारा है कि अपने स्वाभिमान को झुकने न दें और जाति-धर्म में देश को कभी बंटने न दें अपूर्व वार्ष्णेय #stopdiscrimination