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मेरे अल्फ़ाज भेदभाव की दुनिया में हम फंसने लगे है

मेरे अल्फ़ाज

भेदभाव की दुनिया में हम फंसने लगे हैं
अस्तित्व भी हम अपना अब खोने लगे हैं

जाति धर्म के नाम पर समाज बांटा जा रहा है
हिन्दू मुसलमान में बांट कर लोगों को काटा जा रहा है

जन्म लेने के साथ ही जाति की मुहर लगा दी जाती है
उस मासूम से बच्चे तक को जाति की पहचान सिखा दी जाती है

ईश्वर ने सभी को एक समान रूप दिया है
परन्तु समाज को काले-गोरे में हमने बांट दिया है

इस ऊंच-नीच, जात-पात में हम ऐसे फंस गए हैं
यही कारण है जो हम एक-दूसरे की मदद करना भी भूल गए हैं

विश्व को दिखाने के लिए हमने, अपने को सक्षम बना लिया है
परन्तु वास्तविकता में हमारी कुरीतियों ने हमको खोखला कर 
दिया है

अगर ऐसे ही हम धर्म-जाति में फसने लगेंगे
तो वो दिन दूर नहीं जब हम अपने स्वाभिमान को भी खोने लगेंगे

ये कर्त्तव्य हमारा है कि अपने स्वाभिमान को झुकने न दें
और जाति-धर्म में देश को कभी बंटने न दें

                                                         अपूर्व वार्ष्णेय #stopdiscrimination
मेरे अल्फ़ाज

भेदभाव की दुनिया में हम फंसने लगे हैं
अस्तित्व भी हम अपना अब खोने लगे हैं

जाति धर्म के नाम पर समाज बांटा जा रहा है
हिन्दू मुसलमान में बांट कर लोगों को काटा जा रहा है

जन्म लेने के साथ ही जाति की मुहर लगा दी जाती है
उस मासूम से बच्चे तक को जाति की पहचान सिखा दी जाती है

ईश्वर ने सभी को एक समान रूप दिया है
परन्तु समाज को काले-गोरे में हमने बांट दिया है

इस ऊंच-नीच, जात-पात में हम ऐसे फंस गए हैं
यही कारण है जो हम एक-दूसरे की मदद करना भी भूल गए हैं

विश्व को दिखाने के लिए हमने, अपने को सक्षम बना लिया है
परन्तु वास्तविकता में हमारी कुरीतियों ने हमको खोखला कर 
दिया है

अगर ऐसे ही हम धर्म-जाति में फसने लगेंगे
तो वो दिन दूर नहीं जब हम अपने स्वाभिमान को भी खोने लगेंगे

ये कर्त्तव्य हमारा है कि अपने स्वाभिमान को झुकने न दें
और जाति-धर्म में देश को कभी बंटने न दें

                                                         अपूर्व वार्ष्णेय #stopdiscrimination