इच्छाओं के द्वंद में दिन रात रहते हैं। कामना के केंद्र में दिन रात बहते हैं। जी नहीं भरना मोह और ममता का! वासना के छंद में दिन रात सहते हैं। भले ही अकेले सो जाएं हम कहीं! मष्तिष्क में बीते लम्हें ही रहते हैं। दोहराने लगी है फ़िर से वही कहानी जिस कहानी में दिन रात दहते हैं । ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_471 👉 जी नहीं भरना मुहावरे का अर्थ - संतोष न होना ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ लिखने के बाद यहाँ Done काॅमेंट करें।