इस जन्माष्टमी पर , है कन्हैया , तुम मेरे संग भी आ जाना, 56 भोग तो हैं नहीं पर, मैस का भोजन खा जाना, बैठ के इस फौजी नीरज के संग भी, थोड़ा सा भोग लगा जाना, इस जन्माष्टमी पर, है कन्हैया ,तुम मेरे संग भी आ जाना, बैठ के गप्पे मारेगे, थोड़ा सा इस फौजी की बाता का भी संवाद सा ले जाना, कुछ तुम अपनी सुनना ओर कुछ मेरी सुन के चले जाना, इस जन्माष्टमी पर, है कन्हैया , तुम मेरे संग भी आ जाना, फौजी लिखे हैं कविताएं, थोड़ी सी उनकी धुन भी सुन जाना, अच्छे भले - बुरे का ज्ञान थोड़ा सा , है प्रभु मुजको दे जाना, अपने प्यार की लीलाओं का , एक दो किस्से सुना जाना, इस जन्माष्टमी पर, है कन्हैया , तुम मेरे संग भी आ जाना।।।।। 🙏जय श्री कृष्ण कन्हैया की🙏 ##नीरज सरोहा## इस जन्माष्टमी पर , #janmashtami