सुनो!, मैं जानती हूँ कि तुम्हे नही पसंद बारिशें,
यूँ बेवज़ह बादलों का घिर आना शायद नया कर देता हैं
उन जख्मो को जो वक़्त की धूल से कुछ भर से गये थे,
या फिर बूंद-दर-बूंद तुम्हे एहसास करा जाती है मेरी कमी?
ये बेबाक बूंदे दे जाती है,
अलमारी में पड़ी बरसो पुरानी किताब को सीलन,
और तुम्हारी आँखोँ को नमी
और फिर लगता है जैसे आसमान भी रो रहा है साथ तुम्हारे दर्द में, #rain#YourQuoteAndMine#mausamwrites#rainislife#fruendsforeever