आगाज़ पे न अंजाम पे इख़्तेयार होता हैं..
मोहब्बत में तमाम उम्र इंतेज़ार होता हैं !!
पूछो न आतिश-ए-हुस्न का इश्क़ पे असर..
राह-ए-शौक़ में होश-मंद शिकार होता है !!
वो आएँगे किसी रोज़ ख़ुश फ़ेहमी को मेरे..
बस यही ख़याल दिल में हर बार होता है !! #Shayari