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आज के कलमकार जातिवाद और गुंडागर्दी की संस्कृति फै

आज के कलमकार

जातिवाद और गुंडागर्दी की संस्कृति फैलावे सै
फूहड़ता की सीमा कोन्या भूंडे गीत बनावै सै।

देश के मुद्दे दिखते कोन्या बस दिक्खै सै इननै छोरी
कोए लिखै सै पतली कमर, कोए कहै सै गंडे की पोरी
धी-बेटी सबकी एक समान ना इनकी समझ मे आवै सै।

सुंदरता का वर्णन करना नहीं बुरी सै बात सुनो 
बेटियों का मान सम्मान बढ़ै ऐसे तुम जज्बात लिखो 
आज की बेटी आसमान में देश का परचम लहरावै सै।

जो बेटी बारे बुरा लिखें, सच्चे कलमकार नहीं सै
लिखना, करना बात बराबर, इज्जत के हकदार नहीं सै।
कलम की मर्यादा रखो विद्रोही या हे बात समझावै सै।

©Vijay Vidrohi
  #बेटीयों का अपमान नहीं सम्मान करो
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Vijay Vidrohi

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#बेटीयों का अपमान नहीं सम्मान करो #कविता

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