पूर्व संध्या गणतंत्र की पूर्व संध्या हो न वंध्या, घोषणा है, हो चुका है, हो रहेगा, देश यह गणतंत्र, जो हुआ है स्वतंत्र, बिन घोषणा ही- सांध्य की इक रीत बिन, रस्म कायम कर लाया दिन, पूर्व संध्या बस वही, तभी तो यह निज तंत्र, है, रहेगा गणतंत्र, हो रहेगा गणतंत्र, घोषणा है, पूर्व संध्या। ©BANDHETIYA OFFICIAL पूर्व संध्या की रस्म ! #together