ना कुछ पाने की चाह हैं, ना कुछ खोने का गम इसलिए मैं रहतीं हूँ हर किसी के संग मैं खुश हूँ अपने आपसे, मैं खुश हूँ हर इन्सान से फर्क नहीं पड़ता किसी के आने या जानें से फर्क नहीं पड़ता किसी के हंसने या रोने से मैं खुश हूँ अपने आपसे, मैं खुश हूँ हर इन्सान से कौन मुझसे प्यार करें कौन मेरा सम्मान करें फर्क नहीं पड़ता कि कौन मेरा तिरस्कार करें मैं खुश हूँ अपने आपसे, मैं खुश हूँ हर इन्सान से मैं ख्वाबों में जी लेतीं हूँ मैं सपनों में खो जाती हूँ मैं ख़ुद को ठूंठ लेतीं हूँ और खुशियों में झूम जाती हूँ मैं खुश हूँ अपने आपसे, मैं खुश हूँ हर इन्सान से ©anabhi4871 #Aazaadkalakaar