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और फिर क्या.. दूर निकल आए हम गम की तन्हाई से डूब न

और फिर क्या..
दूर निकल आए हम गम की तन्हाई से
डूब न जाए हम रात की गहराई में
पहले तो अकेलेपन से डर लगता था
अब ये आलम है कि साथ से ही डरते हैं
गम इसका नही की हम बिछड़ गए
डर इसका नही की हम तन्हा रह गए
डर बस ये है की रात में कदमों की आहट सुनाई दी 
खुश है कि हम खुद में मिल गए।

©ANURAG DUBEY
  #डरलगताहै