किसी की *आह* लेकर जीये तो क्या जीये? कभी लोगों की *वाह-वाह* लूटकर तो देखो...! न जाने कितने ही खुशियों के महल *बर्बाद* किए? आज किसी की खुशियाँ का घर *आबाद* करके भी देखो...!!! #deep_thought #deep_meaning #do_work_like_a_human_being