Nojoto: Largest Storytelling Platform

ट्रेन हादसे चेहरे की झुंझलाहट ना जाने अंद

         ट्रेन हादसे
चेहरे की झुंझलाहट ना जाने
अंदर कितने दर्द छुपाए रोती है
ज़रा टटोल कर के देखो?
आंखों में आंसुओं का
दरिया लेकर बैठी है।।

आवाज में भारीपन
तन में कुछ जान नही पड़ता है। 
यह कैसी बेबसी है कि
अपना अपनों को ढूंढ नहीं पाता है ।।

छितर-बितर अस्त-व्यस्त अंग-भंग
हो गए मुसाफिरों के।
कफन उठा कर एक-एक का चेहरा
देखना कितना दर्दनाक हो जाता है।।

कुछ हादसे इतने अचानक होते हैं
कि समझने की समझ चली जाती है 
जिंदगी जुड़ी होती है जिससे 
वह दुनिया छोड़ कर चली जाती है।।

©Andaaz bayan 
  #Train 
#train accident  Gyansagar Chaudhari Mukesh Poonia Dr.UMESH ARSHAAN Satyaprem Upadhyay Ravi vibhute