मेरे प्यारे चाँद सोचा था, बड़े इत्मीनान से बैठकर तुम्हें लिखुंगी, तो चलों शुरू करती हूं लिखना। मेरे प्यारे चांद, जानती हूं तुम मुझसे नाराज़ हो, बहुत दिनों से बात भी नहीं हुई। पर तुम भी तो पहल कर सकते थे ना, मगर नहीं, मैंने तुम्हें मनाया नहीं इस बात से भला कोई नाराज़ होता है। अब अगर नाराज़ हो तो चलों तुम्हें मनाती हूं, तुम मेरे चांद हो और तुम पर ये मैं हक जताती हूं,अब मुस्करा भी दो, मैं तुमसे अपना इश्क जताती हूं। "मेरा चांद मेरा इश्क" -Neha_Pandya #मेरे_प्यारे_चांद