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बाजारवाद का योग है खरीद विरोध का दौरान जारी है खरी

बाजारवाद का योग है खरीद विरोध का दौरान जारी है खरीददार थैली लिए खड़ा है बिकने वाला बेचने के लिए बेकरार है मंडियां सजी हुई हैं बोलियां लग रही है मीडिया प्रजातंत्र की पहचान बन गई है हाल ही में क्रिकेट खिलाड़ियों की मेगा नीलामी हुई कई भाग्य सीरियल खिलाड़ियों पर छप्पर फाड़कर धन वर्षा हुई शान से करोड़ों में बिक गए लेकिन सभी इतनी किस्मत वाले नहीं थे कुछ मुश्किल से आधार मूल्य पर किसी तरह दिख सकें कई को कोई खरीदार नहीं मिला क्रिकेट की माया निराली है किसी समय इसे बाहर दर्जनों का खेल माना जाता था लेकिन अब यह वाणी का होगा विलास बन गया है खेल के मैदान तिजोरी में कैद हो गए हैं बल्ला और गेंद अब धन्ना सेठों की जेब में उतर गए हैं पैसा फेंको तमाशा देखो इस खेल का मूल मंत्र हो गया यहां सब कुछ बिकता है खिलाड़ी बिकते हैं टीम बिकती है प्रशासन के अधिकारी बिकते हैं विज्ञापन बिकते हैं दवा शो की टिकट बिकते हैं रोमांच बिकता है टीम भी जीते लेकिन खेल का आत्म हार जाता राजनीति की मंडी में बिकने का अंदाज ही अलग है चुनाव के समय टिकट बिकते हैं तो सरकार बनते गिरते समय विधायक वोट तक खरीदने के प्रयास होते हैं चौका धोक करते राजनीतिक माल में सब कुछ शान से दिखता है बिकनी का सिलसिला अनंत है सरकारी बाबू बिकने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं आप सर शान से दिखते हैं बैंक बिक जाते हैं झूठ तो आसानी से बिक जाता है शरीर के अंग भी बिक जाते हैं किसी बेबस की इज्जत तक नीलाम हो जाती है

©Ek villain #बिकने का सुख

#illuminate
बाजारवाद का योग है खरीद विरोध का दौरान जारी है खरीददार थैली लिए खड़ा है बिकने वाला बेचने के लिए बेकरार है मंडियां सजी हुई हैं बोलियां लग रही है मीडिया प्रजातंत्र की पहचान बन गई है हाल ही में क्रिकेट खिलाड़ियों की मेगा नीलामी हुई कई भाग्य सीरियल खिलाड़ियों पर छप्पर फाड़कर धन वर्षा हुई शान से करोड़ों में बिक गए लेकिन सभी इतनी किस्मत वाले नहीं थे कुछ मुश्किल से आधार मूल्य पर किसी तरह दिख सकें कई को कोई खरीदार नहीं मिला क्रिकेट की माया निराली है किसी समय इसे बाहर दर्जनों का खेल माना जाता था लेकिन अब यह वाणी का होगा विलास बन गया है खेल के मैदान तिजोरी में कैद हो गए हैं बल्ला और गेंद अब धन्ना सेठों की जेब में उतर गए हैं पैसा फेंको तमाशा देखो इस खेल का मूल मंत्र हो गया यहां सब कुछ बिकता है खिलाड़ी बिकते हैं टीम बिकती है प्रशासन के अधिकारी बिकते हैं विज्ञापन बिकते हैं दवा शो की टिकट बिकते हैं रोमांच बिकता है टीम भी जीते लेकिन खेल का आत्म हार जाता राजनीति की मंडी में बिकने का अंदाज ही अलग है चुनाव के समय टिकट बिकते हैं तो सरकार बनते गिरते समय विधायक वोट तक खरीदने के प्रयास होते हैं चौका धोक करते राजनीतिक माल में सब कुछ शान से दिखता है बिकनी का सिलसिला अनंत है सरकारी बाबू बिकने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं आप सर शान से दिखते हैं बैंक बिक जाते हैं झूठ तो आसानी से बिक जाता है शरीर के अंग भी बिक जाते हैं किसी बेबस की इज्जत तक नीलाम हो जाती है

©Ek villain #बिकने का सुख

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