मेरे दिल की बस्ती फिर आबाद हो जाए, मोहब्बत ना सही कोई फ़रियाद हो जाए। सुनो तुम कुछ भी कहना मगर चुप ना रहना, बातों बातों में चुप्पी की पूरी मियाद हो जाए। इस तरफ सारे गिले शिकवे तेरे ज़ानिब सारा प्यार, इसी बहाने ज़िंदगी को जीने का रियाज़ हो जाए। मेरे दिल की बस्ती फिर आबाद हो जाए, मोहब्बत ना सही कोई फ़रियाद हो जाए। सुनो तुम कुछ भी कहना मगर चुप ना रहना, बातों बातों में चुप्पी की