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Person's Hands Sun Love कामनाएँ स्वार्थ को बल देती

Person's Hands Sun Love कामनाएँ स्वार्थ को बल देती हैं...
स्वार्थ से आसक्ति है... 
आसक्ति से क्रोध उत्पन्न होता है!
क्रोध आत्मा से दूर ले जाती है!
ईश्वर की बात ही कहाँ है?

स्वार्थ को छोड़ते ही...
हृदय से मात्र प्रेम प्रवाहित होता है!
जिसमें हर किसी के लिए
ख़ुशियों की कामना है!
यह ईश्वर की ओर ले जाता है!


तब तन-मन-आत्मा सब सजती है... ईश्वरीय प्रेम से!❤

©Navonmeshi_Raaj
  #RaajSinghPoetry #Devotional #Faith