प्रियतम तोरी बांट निहारु मोरो मन विचलित होवत जाए विरह वेदना पल-पल मोहे सताए अब तो सांझ भी मुझको ना भाये तोरी यादें मोरे मन ने हर क्षण भाये तोहरे बिना दिन-रात मोहे समझ ना आए सारी सृष्टि तोहे याद कर मुस्कुराएं मोर ,पपीहा ,कोयल तोरो राग गाये जाएं पधारो प्रियतम मोरे आँगन तुम्हार प्रेयसी हदय से इंतजार किये जाए! ❣️❣️❣️ प्रियतम पहली बार लिखा है ऐसा कुछ गलतियांँ हो जाए तो क्षमा चाहते हैं मन की उधेड़बुन को लिखते चले जाते हैं। 🎻❣️❣️👌🙏 OPEN FOR COLLAB 😁 #ATwomanbg4 • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ♥️ Adorn this beautiful bg with your soulful words.✨ • Must use hashtag: #aestheticthoughts • Please maintain the aesthetics.