Nojoto: Largest Storytelling Platform

तुम हकीक़त हो या फिर कोई फरेब... ना दिल से निकलते

तुम हकीक़त हो 
या फिर कोई फरेब...
ना दिल से निकलते हो 
ना ज़िँदगी में आते हो...
किस क़दर हो बेदर्द
बंद लिफ़ाफ़े से हो
समझ ही नहीं आते हो

©हिमांशु Kulshreshtha
  किस क़दर

किस क़दर #Shayari

189 Views