ज़िंदगी एक शतरंज अनुशीर्षक में://👇👇 ज़िंदगी शतरंज का एक खेल शह मात का ज़िंदगी में कोई नहीं मेल ज़िंदगी के शतरंज में हर कोई मोहरा खा जाते धोखा जिसने रखा दोहरा चेहरा जहांँ प्यार और क़िस्मत दे देते धोखा कब आपको कोई दे दे यहांँ धोखा शह मात में कमज़ोर अक्सर पीस जाता प्यादा ही चौसठ खाने में शहीद पहले हो जाता जीवन में लंबा दौड़ ढाई खाने चलने वाले घोड़ा सरपट दौड़े अपनी दुल्लत्ती देखकर सबको चकित कर दे