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कब ऐसा चाहा मैंने मन में जैसा सोचा तुमने तुम्हारे

कब ऐसा चाहा मैंने
मन में जैसा सोचा तुमने

तुम्हारे संग हँसना चाहा मैंने
दिल को जाने क्यूँ तोड़ा तुमने

उठी थी जो मन में लहर
बवंडर क्यूँ जाने समझा तुमने

मन में तो कुसुम खिला
काँटों को कहाँ जाने देखा तुमने

चेहरा मेरा पढ़ा नहीं
बातों को जाने क्या समझा तुमने

जो कहा वो कह दिया मैंने
अर्थ जाने क्या तब समझा तुमने

छोड़ो अब जब जो हुआ
ख़ुद को क्या थोड़ा समझाया तुमने

अब भी वही वैसी हूँ मैं
अपना बदलाव क्या पहचाना तुमने
🌹 #mनिर्झरा 
#yqhindi 
#bestyqhindiquotes 
#yqdidi 
#yqlovepoetry 
#तुम्हारे_ख़्याल_और_मैं 
#प्रेम
कब ऐसा चाहा मैंने
मन में जैसा सोचा तुमने

तुम्हारे संग हँसना चाहा मैंने
दिल को जाने क्यूँ तोड़ा तुमने

उठी थी जो मन में लहर
बवंडर क्यूँ जाने समझा तुमने

मन में तो कुसुम खिला
काँटों को कहाँ जाने देखा तुमने

चेहरा मेरा पढ़ा नहीं
बातों को जाने क्या समझा तुमने

जो कहा वो कह दिया मैंने
अर्थ जाने क्या तब समझा तुमने

छोड़ो अब जब जो हुआ
ख़ुद को क्या थोड़ा समझाया तुमने

अब भी वही वैसी हूँ मैं
अपना बदलाव क्या पहचाना तुमने
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