माँ इतन बडा कर्ज क्यों दे दीया आपने मुझ जैसे अबोध को स्वयं की सिराहने जगह देकर किस तरह राहत दू मैं खुद को आपके, शायद पहाड़ों के जैसे विशाल ऋण से..... मां ने उत्तर दिया तुम कब बड़ा हुआ तम आज भी उत्ता हिं तो है उतना छोटा जितना तुम्हे मैने जन्म दीया था जब तुम बड़े हो जाओगे फिर स्वयं का नाम विश्व को बता देना ऐसी है मेरी माँ #nojotohindi#liifequotes#nojotoquotes#writer#poem#poetry#mother#love