मैं डर जाती हूँ, सड़क पर भागती हुई जिंदगी से, सुनो, थाम लेना मुझे पिछली बार की दफा और खींच लेना अपने दाएं को पिछली बार जैसे दायिना ओर सही होता है ना मैं जिद्द कर जाती हूँ, बहस कर लेती हूँ हर छोटी बातों पर सुनो, खींच लेना मुझे पिछली बार की दफ़ा और समझा देना जैसे समझाए थे पिछली बार, वो तरीका सबसे आसान था ना मैं थम जाती हूँ, हर दफ़ा तुमसे दिल की बातें कहते कहते सुनो, पढ़ लेना ख़ामोशी पिछली बार की दफ़ा और समझ लेना सारी उलझन मेरे चेहरे की आँखों की भाषा समझते हो ना सुनो, मैं जानती हूँ कि किस्मत और उम्मीद दोनों से ज्यादा मांग रही हूँ पर सुना है, ईश्वर सुन लेता है सबकी मुरादें और मेरे ईश्वर तुम ही हो ना ! ©Swechha S सुनो...दायिना ओर सही होता है ना 💌 #6April #Tum