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अभी तो सुनी थी तुम्हारे आने की आहट महसूस ही कर पाई

अभी तो सुनी थी तुम्हारे आने की आहट
महसूस ही कर पाई थी तुम्हारे होने को
बुनने लगी थी सपने कई तुमसे जुड़े
पर ना जाने क्या हुआ एक ही पल में
याद करके वो पल आंखें नम हो जाती हैं
एक हल्का सा दर्द दिल में भर जाती हैं
यूं तो ऐसा कुछ खास नहीं है जिसको सोचूं मैं
पर हां कुछ तो खास था जो अब नहीं है मुझमें
अजीब ही एहसास से भर रहा है दिल आजकल
जिस्म के साथ साथ टूटा हुआ है कहीं से मन
ज़ख्म जिस्मों के तो भर रहे हैं धीरे धीरे
मन के घाव को भला मरहम कैसे मिले

©Shilpi Vikram #miscarriage
अभी तो सुनी थी तुम्हारे आने की आहट
महसूस ही कर पाई थी तुम्हारे होने को
बुनने लगी थी सपने कई तुमसे जुड़े
पर ना जाने क्या हुआ एक ही पल में
याद करके वो पल आंखें नम हो जाती हैं
एक हल्का सा दर्द दिल में भर जाती हैं
यूं तो ऐसा कुछ खास नहीं है जिसको सोचूं मैं
पर हां कुछ तो खास था जो अब नहीं है मुझमें
अजीब ही एहसास से भर रहा है दिल आजकल
जिस्म के साथ साथ टूटा हुआ है कहीं से मन
ज़ख्म जिस्मों के तो भर रहे हैं धीरे धीरे
मन के घाव को भला मरहम कैसे मिले

©Shilpi Vikram #miscarriage