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ऐ जिन्दगी अब तुझसे बहुत टूट चुका हूं। अपने ही घर म

ऐ जिन्दगी अब तुझसे बहुत टूट चुका हूं।
अपने ही घर में रहकर अलग सा रह रहा हूं।
सोचा था मुकम्मल जिंदगी खुशियों से गुज़ारेंगे।
पर गमों का ताज ऐसा सजा कि हम जीना ही भूल गए।

©Ganesh Din Pal
  #गमों का ताज......

#गमों का ताज...... #ज़िन्दगी

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