आजादी का जो सपना देखा था उसे साकार कर गए,सर पर कफन बाँधे आज़ादी की जंग में उतर गए शहीद भगत सिंह हमे सिखा गए भरी जबानी में मौत को देश के खातिर अपना गए मिलता नही यहाँ हक़ आसानी से लहू बहाना पड़ता है इंकलाब के नारों से जालिमो को अपना इरादा बताना पड़ता है 23 साल की उम्र में शहीद भगत सिंह काम ऐसा कर गए,सब छोड़ अपनो को जिंदगी देश पर निछावर कर गए इसी मर्द ने इंकलाब के नारों से अंग्रेजी हुकूमत को हिलाया था आज़ादी की खातिर सूली को भी अपनाया था आपकी कुर्बानी हमे सीखा गई इंकलाब के माइने हमे बता गई इंकलाब फिर आएगा हर एक शख्स अपने अंदर भगत सिंह को ही पाएगा इंकलाब जिंदाबाद (23-3-1931) ©GNSQ Hussaini #शहीदभगतसिंह #इंकलाब_जिंदाबाद #आज़ादी #भारत #gnsqhussaini #yourquote #quoteoftheday #wordsofwisdom #inspirationalquotes #Shaheedi_diwas