उदास कर रही है कोई वजह धीरे-धीरे मुझमें शाम ढ़ल रही है बेवजह धीरे-धीरे मायूस होकर क्यूँ हवा चल रही है ये किसको ख़बर है वो खफ़ा चल रही है कैसे कहें हम ये कैसे बताएँ ज़िंदगी नाराज़ हमसे कौन पहली दफ़ा चल रही है... © abhishek trehan #शाम #उदासी #नाराज़ #जिदंगी #धीरेधीरे #manawoawaratha #yqbaba #yqquotes