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कितना मुश्किल सवाल था..... तुम कैसे लिखते हो ? कही

कितना मुश्किल सवाल था..... तुम कैसे लिखते हो ? कहीं से पंक्ति चुराते तो नहीं? 

जवाब.....
मैं निरुत्तर , निशब्द था 

जीवन में जो चीज नैसर्गिक है वो चुराई नहीं जा सकती । हर मनुष्य असीम संभावनाओं का स्वामी है और अपने गुणों को पहचान उसका विस्तार करना ही उस संभावना का द्वार खोलना है ।

©#मरजानो_मनोजियो
  #सवाल #संभावना  Shiya Tyagi  R K Mishra " सूर्य " Nëélåm Råñï