नज़रें मेरी बस तुम्हें देखकर ही इस जमीं पर ठहर जाती हैं, जब... इश्क़ की हवा से तुम्हारी , मेरी जुल्फ़ें ये काली बेबाक लहर जाती हैं क्योंकि.. ये नज़रें कातीलाना हैं तुम्हारी, जो बेरहमी से , इस मासूम दिल का कतल कर जाती हैं! ©dil ki baari #nazrein