अर्ज़ियां लगाईं हमने शामों से कि गुजरें वो बस तेरे शानों पे सदायें मेरी गुजरें जो तेरे कानों से चली आना तुम मिलने किन्हीं बहानों से ©Prashant Shakun "कातिब" #शानों = कंधों #सदायें = आवाज़ें #Likho - लिख दिया पढ़ लेना huhh😏 #pshakunquotes #प्रशांत_शकुन_कातिब