सब रोये जब हम सोये, रोये न नैना तेरे अपने बदले वैरी बदले, बदले न लहजे तेरे रात ढली फिर सुबह हुयी, हुई सुबह न मन में तेरे खुद से रूठा तू उससे रुठा, जो उतर गया दिल से तेरे मिट गया मैं अब तू भी मिटा दे, उन यादों को जो बीच में आए मेरे तेरे बेहतर न सही कुछ अच्छे ही, झूठे ख्वाब बुन ले मेरे जो लेने आए वो जिद्दी हैं फिर भी पथ बैठा आस लगाए कब रोयेंगे नैना तेरे कब रोयेंगे नैना तेरे... ©Archi Baba #रोयेनैना