आयना ढूँढता है मुझे, अक्स मेरा तलाशे कबसे, पता नहीं शायद इस नादान को, के मैं खोई नहीं, भुला दी गई हूँ। मेरे घर का आयना अब भी मेरे इंतज़ार में है, उसे बताओ कोई की मेरे नाम का शख्स कोई मौजूद नहीं अब इस घर में। #poem #hindipoetry #mirrorquote #quoteoftheday