नयी-नयी आँखें हों तो हर मंज़र अच्छा लगता है कुछ दिन शहर में घूमे लेकिन, अब घर अच्छा लगता है। मिलने-जुलने वालों में तो सारे अपने जैसे हैं जिससे अब तक मिले नहीं वो अक्सर अच्छा लगता है। akki #nirasha Sudha Tripathi